प्रकृति माई का नवाचार: जगेश्वर–हल्द्वानी मार्ग पर खुला ‘हिलांश आउटलेट’, पहाड़ी उत्पादों को मिलेगा नया बाजार

Facebook
Twitter
WhatsApp
जगेश्वर–हल्द्वानी मार्ग पर छड़ोजा में हिलांश आउटलेट का शुभारंभ.

जगेश्वर–हल्द्वानी मार्ग पर छड़ोजा में 1 दिसंबर को प्रकृति माई द्वारा संचालित ‘हिलांश’ आउटलेट का शुभारंभ राज्य महिला उद्यमिता परिषद की उपाध्यक्ष श्रीमती गंगा बिष्ट द्वारा किया गया. यह नया आउटलेट पहाड़ की प्राकृतिक विरासत, स्थानीय स्वाद और महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. ग्रामोत्त्थान द्वारा वित्त पोषित यह स्टोर प्रकृति माई के नवाचार का एक अनूठा उदाहरण है, जहां पहाड़ की जैव विविधता और पारंपरिक खाद्य ज्ञान को आधुनिक मार्केटिंग के साथ जोड़ने का प्रयास किया गया है. कार्यक्रम में ग्रामीण समाज, जनप्रतिनिधियों, विभिन्न विभागों और स्थानीय समूहों की उल्लेखनीय सहभागिता देखने को मिली.

पहाड़ी स्वाद और स्वास्थ्य को समर्पित उत्पाद

आउटलेट में स्थानीय संसाधनों से तैयार अनेक तरह के उत्पाद अपनी अलग छटा बिखेर रहे हैं-

  • रागी, आंवला, बिच्छू घास, केला, सेव की पारंपरिक परंतु नवाचारी मिठाइयाँ
  • विभिन्न फ्लेवर की कैंडी, हर्बल चाय, घी, शहद
  • पहाड़ी स्वाद वाली चॉकलेट
  • आयुर्वेदिक महत्व वाले कई स्थानीय उत्पाद इसके साथ ही स्थानीय शिल्पियों और महिला स्वयं-सहायता समूहों द्वारा बनाए उत्पादों को भी एक समान मंच प्रदान किया गया है.

डॉ. इंद्रा अधिकारी, ग्रामोत्त्थान की जिला प्रतिनिधि, के मार्गदर्शन में इस आउटलेट की स्थापना की गई है. कार्यक्रम में उद्यान विभाग और कृषि विभाग के अधिकारी भी उपस्थित रहे. गंगा बिष्ट जी ने उत्पादों की गुणवत्ता की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के स्टोर पहाड़ की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दे सकते हैं. भविष्य की योजनाओं पर भी विस्तृत चर्चा की गई.

आंवला प्रेमियों के लिए अनोखा नवाचार

नवाचार की बात हो और प्रकृति माई कुछ नया न करे, ऐसा संभव नहीं. इस अवसर पर शुद्ध, रसायन-मुक्त आंवला पाउडर का भी अनावरण किया गया, जो आंवला जूस पसंद करने वाले लोगों के लिए प्राकृतिक और उपयोगी विकल्प है. उद्यान विभाग से हेम बिष्ट अपनी टीम के साथ कार्यक्रम में उपस्थित रहे.

भांग-दाना: नशा नहीं, स्वास्थ्य का स्रोत

प्रकृति माई समूह ने एक बार फिर साबित किया है कि पहाड़ में मौजूद प्रत्येक प्राकृतिक तत्व का उपयोग स्वास्थ्य के लिए किया जा सकता है. भांग दाना से तैयार किए गए विविध स्वास्थ्यवर्धक उत्पादों ने यह संदेश दिया कि भांग केवल नशे के लिए नहीं, बल्कि जीवनदायिनी शक्ति से भरपूर एक संसाधन है.

सामूहिक प्रयास से साकार हुआ सपना

कार्यक्रम में ABDO लमगड़ा, हरीश सुयाल (BMM), जतिन धनुष व उनकी टीम लगातार सक्रिय रही. ग्रामोत्त्थान लमगड़ा से सुनीता रावत और उनकी टीम, समाजसेवी दिनेश ढेला, नीमा ढेला, गौरव बिष्ट आदि ने भी अपना महत्वपूर्ण समय दिया. प्रकृति माई समूह परिवार के सभी सदस्य कार्यक्रम का हिस्सा बने. संचालन माया बहुगुणा, हरीश बहुगुणा निर्मोही द्वारा किया गया तथा अध्यक्षता डॉ. इंद्रा अधिकारी ने की.

खबर वाटिका अपने पाठकों से आग्रह करता है कि इस आत्मनिर्भरता और नवाचार के कार्यक्रम में अपना सहयोग जरूर प्रदान करें. मिलावट के उत्पादों से बचें. जितना संभव हो उतना प्राकृतिक और शु्ध्द उत्पाद प्रयोग करें. प्राकृतिक उत्पादों एवं आउटलेट से संबंधित अधिक जानकारी के लिए आप प्रकृति माई के संचालक हमारे बड़े भैजी आदरणीय हरीश बहुगुणा जी से संपर्क करें-9068371010

यह आउटलेट न केवल पहाड़ की मिट्टी, मेहनत और संस्कृति का प्रतीक है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था के सशक्त भविष्य की ओर उठाया गया प्रेरक कदम भी है.

Leave a Reply

न्यूज़लेटर सब्सक्राइब करें

भारत-रूस यूरिया डील! चल गया मोदी का मैजिक, किसानों की बल्ले- बल्ले

माइक्रोग्रीन खेती: कम जगह, बड़ा बिजनेस, लाखों का मुनाफा

ADVERTISEMENT

सिर्फ खबर पढ़ें.

ADVERTISEMENT

सिर्फ खबर पढ़ें.

ख़बर वाटिका
लॉगइन/अकाउंट बनाएं

आपकी गोपनीय जानकारी सुरक्षित है। आपका नंबर या ईमेल केवल अकाउंट वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

Or Continue With

New to Khabar Vatika? Register Now!