भारत में पॉलीहाउस खेती तेजी से लोकप्रिय हो रही है क्योंकि किसान जमीन के एक छोटे से टुकड़े से भी भारी मुनाफा कमा सकते हैं. बता दें कि भारत में ज्यादातर किसान सिमांत हैं. यही कारण है कि पॉलीहाउस खेती को खेती का भविष्य माना जा रहा है. पॉलीहाउस खेती अभी नई-नई है. ऐसे में किसानों के लिए जरूरी है कि वे इस नई तकनीक की खेती के विषय में जानकारी इकट्ठा करें. इसी कड़ी में हम आपको पॉलीहाऊस फार्मिंग की फूल डिटेल दे रहे हैं.
क्या है पॉलीहाउस खेती
पॉलीहाउस खेती एक नई अवधारणा है. इस तकनीक के तहत फसलों को नियंत्रित वातावरण में उगाया जाता है. इस प्रणाली में तापमान,आद्रता, धूप,हवा,वर्षा आदि कारकों को नियंत्रित करके फसल की अवधि,कटाई का समय,उपज,फसल की गुणवत्ता आदि को बढ़ाया जाता है. इसके अलावे बेहतर परिस्थितियों में फसलों को उगने में मदद करने के लिए यूवी स्थिरीकृत पॉलीथीन से ढका जाता है. संरक्षित खेती में रोग,कीट और खरपतवार कम होते हैं. प्रदूषण, कीटनाश्कों, कीटों आदि बाहरी कारकों के कम होने के कारण उपज की गुणवत्ता भी बेहतर होती है.
आपको बता दें कि पॉलीहाऊस खेती का उद्देश्य प्रति इकाई क्षेत्र में वर्ष भर, ऑफ सीजन उच्च मूल्य वाली फसलें प्राप्त करना तथा भूमि, जल, कीटनाशक आदि जैसे संसाधनों से अधिक लाभ प्राप्त करना है.
पॉलीहाउस का सिध्दांत
पॉलीहाउस कई संरक्षित कृषि ढ़ाचों में से एक है. पॉलीहाउस का मुख्य सिध्दांत संरचना के अंदर ग्रीनहाउस गैस को रोकना है. ग्रीनहाउस या पॉलीहाउस पारदर्शी कांच या पॉलीथीन के आवरण से बने होते हैं,जहां सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने पर अंदर का भाग गरम हो जाता है. क्योंकि यह आवरण ग्राीनहाउस गैसों को बाहर निकलने से रोकता है. इसलिए बाहर ठंड होनो पर भी, तापमान अंदर उगने वाले पौधों के लिए अनुकूल और गर्म रहता है.
पॉलीहाउस में सिंचाई
पौधों की छोटी जड़ प्रणाली के कारण, उन्हें पानी देने के लिए ड्रिप सिंचाई सबसे अच्छे तकनीक हैं. यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि पानी केवल जड़ों तक ही पहुंचे और पत्तियों या फूलों पर न गिरे. पत्तियों और फूलों पर पानी गिरने से संक्रमण, रोग फैलने और यहां तक कि झूलसने का भी खतरा हो सकता है. माइक्रो-स्प्रिकंलर के जरिए बहुत तेज दबाव में नोजल के जरिए पानी बाहर निकाला जाता है. ये स्प्रिंकलर जमीन से एक फुट ऊंचाई पर लगाए जाते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पानी पौधों के आधार भाग तक पहुंच जाए.
पॉलीहाउस खेती के लिए बेस्ट फसलें
किसान आमतौर पर कई फसलें उगाते हैं. लेकिन किसानों को पॉलीहाउस में उगाने के लिए फसल चुनते समय निवेश पर लाभ की गणना करनी चाहिए क्योंकि पॉलीहाउस की निर्माण लागत काफी अधिक होती है. कटे हुए फूल, उच्चमूल्य वाली सब्जियां, कुछ फूल और रोगमु्क्त शोषण सामग्री पॉलीहाउस खेती के लिए सबसे बेस्ट है.
सब्जियां- टमाटर,शिमला मिर्च, खीरा, व्रोकोली, पत्तेदार सब्जियां, विदेशी सब्जियां आदि.
फल- स्ट्रॉबेरी, रास्पबेरी, पपीता, केला, आम,अनार आदि.
फूल- गुलाब, जरबेरा, कार्नेशन, ग्लोडियोलस, एंथुरियम, गुलदाउदी, लिली, ऑर्किड आदि.
आपको बता दें कि पॉलीहाउस का निर्माण महंगा लग सकता है,लेकिन पारंपरिक खेती की तुलना में पॉलीहाउस खेती से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. बागवानी विभाग और राज्य सरकारें किसानों के बीच पॉलीहाउस खेती को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी प्रदान करती है.