बिहार सरकार राज्य में कृषि आधारित उद्योगों को सशक्त करने के लिए लगातार नीतिगत सुधारों और प्रोत्साहन योजनाओं पर काम कर रही है. इसी कड़ी में अब सरकार ने तिलहन प्रसंस्करण को बढ़ावा देने और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से तेल मिल लगाने पर विशेष सहायता देने की घोषणा की है. इस योजना के तहत इच्छुक किसान, सहकारी समितियाँ, पंजीकृत स्टार्टअप, सरकारी या निजी उद्योग-सभी को आर्थिक सहायता और अनुदान प्रदान किया जाएगा.
सरकार का मानना है कि बिहार में तिलहन उत्पादन की अपार संभावनाएँ हैं, लेकिन प्रसंस्करण इकाइयों(Processing Units) की कमी के कारण किसान अपनी उपज का पूरा लाभ नहीं उठा पाते. तेल मिल लगने से किसानों को न केवल अपनी फसलों के बेहतर दाम मिलेंगे, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार भी सृजित होगा.
क्या है योजना में खास?
इस योजना के तहत सरकार 10 टन क्षमता वाली तेल मिल लगाने पर ₹9.90 लाख तक का अनुदान दे रही है. यह राशि परियोजना लागत के 33% तक हो सकती है, जिससे उद्योग शुरू करने की लागत में काफी कमी आएगी. यह उन युवाओं, किसानों और उद्यमियों के लिए बड़ी राहत है जो कृषि आधारित उद्योग शुरू करना चाहते हैं लेकिन पूंजी की कमी एक बाधा बनती है. इसके साथ ही सरकार तिलहन प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक तकनीकी मार्गदर्शन, प्रशिक्षण और उद्योग विस्तार में सहयोग जैसे प्रावधान भी उपलब्ध करा रही है. सरकार का उद्देश्य ग्रामीण उद्योगों का विस्तार कर कृषि को एक लाभकारी उद्यम के रूप में स्थापित करना है.
किसानों व युवाओं के लिए बड़ा बदलाव
तेल मिल लगाने की यह पहल न केवल किसानों की आय में वृद्धि करेगी बल्कि प्रदेश के युवाओं के लिए भी आत्मरोजगार का मजबूत अवसर साबित होगी. आज जब ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सीमित हैं, ऐसे में इस तरह के उद्योग स्थानीय स्तर पर ही स्थायी रोजगार प्रदान कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त, सहकारी समितियों और किसान उत्पादक संगठनों (FPO) को भी इस योजना का सीधा लाभ मिलेगा. इससे सामूहिक प्रबंधन और सामुदायिक उद्यमिता को भी नई दिशा मिलेगी.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी गति
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि राज्य में बड़ी संख्या में तेल मिलें स्थापित होती हैं तो इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और कृषि आधारित उद्योगों की एक नई श्रृंखला विकसित होगी. इससे राज्य की कृषि जीडीपी(GDP) में भी बढ़ोतरी होने की संभावना है. आपको बता दें कि बिहार सरकार की यह योजना राज्य के कृषि क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन ला सकती है. अनुदान, तकनीकी सहायता और उद्यमिता प्रोत्साहन के साथ यह पहल किसानों और युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने का महत्वपूर्ण प्रयास है. आने वाले समय में यह योजना ग्रामीण उद्योगों के विस्तार और रोजगार सृजन का एक मजबूत स्तंभ बन सकती है. अधिक जानकारी के लिए आप बिहार सरकार के सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के आधिकारिक बेवसाइट पर जाकर ले सकते हैं.